Description
गो प्रोग्रामिंग में शुरुआती से उन्नति
Module 1: गो प्रोग्रामिंग का परिचय
- Lesson 1.1: गो क्या है? (Introduction to Go)
- Lesson 1.2: गो का इतिहास (History of Go)
- Lesson 1.3: गो के लाभ और उपयोग (Benefits and Use Cases)
Module 2: सेटअप और टूल्स
- Lesson 2.1: गो को कैसे स्थापित करें (Installing Go)
- Lesson 2.2: IDEs और टेक्स्ट एडिटर्स (IDEs and Text Editors)
- Lesson 2.3: गो वर्कस्पेस और प्रोजेक्ट संरचना (Go Workspace and Project Structure)
Module 3: गो की मूल बातें
- Lesson 3.1: सिंटैक्स और स्ट्रक्चर (Syntax and Structure)
- Lesson 3.2: वेरिएबल और डेटा टाइप्स (Variables and Data Types)
- Lesson 3.3: ऑपरेटर और कंट्रोल स्टेटमेंट्स (Operators and Control Statements)
Module 4: फंक्शंस और पैकेज
- Lesson 4.1: फंक्शंस का परिचय (Introduction to Functions)
- Lesson 4.2: पैकेज और इम्पोर्ट्स (Packages and Imports)
- Lesson 4.3: एरर हैंडलिंग (Error Handling)
Module 5: स्ट्रक्चर और इंटरफेस
- Lesson 5.1: स्ट्रक्चर का उपयोग (Using Structures)
- Lesson 5.2: इंटरफेस का परिचय (Introduction to Interfaces)
- Lesson 5.3: मेथड्स और एम्बेडेड स्ट्रक्चर्स (Methods and Embedded Structures)
Module 6: गो में समवर्ती प्रोग्रामिंग
- Lesson 6.1: गोरेनोट्स और चैनल्स (Goroutines and Channels)
- Lesson 6.2: समवर्ती प्रोग्रामिंग के फायदे (Benefits of Concurrent Programming)
- Lesson 6.3: सिंक्रनाइज़ेशन तकनीकें (Synchronization Techniques)
Module 7: प्रोजेक्ट कार्य
- Lesson 7.1: एक सरल वेब सर्वर बनाना (Creating a Simple Web Server)
- Lesson 7.2: REST API विकसित करना (Building a REST API)
- Lesson 7.3: गो प्रोजेक्ट्स के लिए बेस्ट प्रैक्टिसेज (Best Practices for Go Projects)
Module 8: उन्नत विषय
- Lesson 8.1: गो में टेस्टिंग (Testing in Go)
- Lesson 8.2: पैकेज प्रबंधन (Package Management)
- Lesson 8.3: गो की परफॉरमेंस ऑप्टिमाइजेशन (Performance Optimization in Go)
Module 9: समापन और आगे का रास्ता
- Lesson 9.1: सर्टिफिकेशन और आगे की पढ़ाई (Certification and Further Studies)
- Lesson 9.2: सामुदायिक संसाधन और योगदान (Community Resources and Contributions)